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एक परजीवी वाहक बनने से कैसे बचे

70% लोग कई तरह के परजीवियों से संक्रमित होते हैं। हर आदमी जोखिम में है

4: 10 बजे दोपहर लेखक उद्धव काले स्वस्थ

डबल्यूएचओ के आँकड़ों के नुसार परजीवियों के संक्रमण के मामलों में 2019 में 17.6% की वृद्धि हुई है। दिलचस्प बात यह है कि ये आंकड़े सिर्फ विकाशशील देशों के नहीं, अमीर देशों से भी आ रहे हैं।

हेल्मिन्थिया इतने ज़्यादा फैले हुए हैं क्योंकि मरीज को शुरुआती चरणों में कोई लक्षण ही नहीं आते। एक संक्रमित व्यक्ति को पता ही नहीं होता कि उसे संक्रमण है और वह दूसरों को संक्रमित कर सकता है।

क्या हेल्मिन्थिया खतरनाक होते हैं?

आज 360 से भी ज़्यादा हेल्मिन्थिया ज्ञात हैं। इनमें से ज़्यादातर आँतों या लिवर में रहते हैं पर कुछ दूसरे अंगों और प्रणालियों में चले जाते हैं जैसे: फेंफड़े, हार्ट, सेंट्रल नर्वस सिस्टम, मसल, आँख और दिमाग।

परजीवी संक्रमण के परिणाम:

  • एनीमिया, एविटामिनोसिस और एनोरेक्सिया हो जाना।
  • ऊतकों और अंगों को नुक्सान। संक्रमण और खून विषैला हो जाने का जोखिम बढ़ जाना;
  • नर्वस सिस्टम की बीमारियाँ। परजीवियों के विषों से अनिद्रा, माइग्रेन, चिड़चिड़ापन, नर्वस ब्रेकडाऊन, हार्ट अटैक और लकवा हो सकते हैं।
  • एलर्जिक रिएक्शन (त्वचा में खुजली, दाग और घाव);
  • पापिलोमा बनाने से कैंसर हो सकता है;
  • बच्चों की बढ़त रुक जाना, जटिलताएँ आना;
  • इससे पुरुषों में मर्दानगी की समस्याएँ आ सकती हैं;
  • इससे महिलाओं में प्रजनन क्षमता कम हो जाती है;
  • समस्या को नजरअंदाज न करें!

आप परजीवियों से संक्रमित कैसे हो जाते हैं?

यह बड़ी आम धारणा है कि आप सिर्फ खाने और बिना फिल्टर के पानी से ही संक्रमित हो सकते हैं। परजीवी आपकी त्वचा के जरिए आपके शरीर में जा सकते हैं। उदाहरण के लिए, जब आप बस या ट्रेन में सफर कर रहे हों या सार्वजनिक शौचालय में गए हों।

हेल्मिन्थ लार्वा आपके रोमछिद्रों से आपकी कैपिलरीज़ के अंदर जाकर पूरे शरीर में खून के प्रवाह के जरिए फैल सकते हैं। इसमें मच्छर के काटने जैसा कोई एहसास नहीं होता और पता ही नहीं चलता कब संक्रमण हो गया। जब आप छोटे-छोटे अंडे वाले हेल्मिन्थ साँस के जरिए अंदर लेते हैं तो जानवर और कीड़े भी आपको संक्रमित कर सकते हैं।

टॉप 3 तरीके परजीवियों से लड़ने के

परजीवी नाशक डाइट

- अपने खाने की क्वालिटी पर बहुत ध्यान दें: बिना धुली सब्जियाँ, फल वगैरह, कच्चा माँस (कम पका हुआ), कच्ची मछली (सूशी रोल, साशीमी) और कच्चा दूध न लें।

- शक्कर और मीठा कम खाएँ - इनसे आँतों में बीमारी पैदा करने वाले जीवाणु पनपते हैं।

निजी साफ सफाई के नियमों के बारे में न भूलें।

आधुनिक दुनिया में सार्वजनिक परिवहन में सफर करते समय यहाँ-वहाँ हाथ लगाना, रैस्टौरेंट में प्लेट वगैरह छूना और सार्वजनिक शौचालयों का उपयोग किए बिना नहीं रहा जा सकता। बस कुछ सादे नियमों का पालन करें: अपने हाथों को नियमित रूप से धोएँ और चेहरे को न छूएँ।

शरीर को विषरहित करना

आपके शरीर से परजीवी और उनके विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने के लिए, आपको एक एंटी-परजीवी उत्पाद के साथ विषहरण के एक कोर्स से गुजरना होगा - Toxic OFF .

यह प्रोडक्ट बहुत असरदार है, इसके कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं हैं और इसे हर कोई ले सकता है। इसके असर से परजीवियों के लिए ज़िंदा रहने की परिस्थितियाँ खराब हो जाती हैं जिससे वे प्रजनन नहीं करते और कमजोर होकर शरीर से बाहर निकल जाते हैं।

प्रोडक्ट Toxic OFF के फॉर्मूले में वनस्पतियों के अर्क (वर्मवुड, हल्दी, गोटू काला, एम्बिलिका ऑफिसिनलिस और सेलेरी अर्क) हैं जिनके शक्तिशाली परजीवी नाशक प्रभाव हैं:

  • परजीवियों को लकवा
  • पित्त बाहर निकालना उत्प्रेरित करता है जिससे परजीवी निष्क्रिय हो जाते हैं और उनके लार्वा और अंडे भी मर जाते हैं;
  • खराब हो चुके ऊतक और आंतों के अच्छे जीवाणु वापस आते हैं जिससे रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है और वजन में उतार-चढ़ाव कम होता है;
  • अपनी आंतों में क्षारीय पर्यावरण तैयार करें जो स्वस्थ होता है और आप दोबारा संक्रमित होने के जोखिम से बचते हैं।
आप Toxic OFF के बारे में ऑफिशियल साइट पर और जान सकते हैं

कई लगो आम तौर पर अपनी तबीयत खराब होने पर ध्यान नहीं देते। आपको पता भी नहीं होता लेकिन इस बात की 97-98% संभावना होती है कि आपके शरीर में पजीवी हैं। इनके लार्वा कहीं भी हो सकते हैं - आपके खून में, आँतों में, फेंफड़ों में, प्रोस्टेट, हार्ट या दिमाग में।

परजीवी वाहक बनाना बहुत आसान होता है। खाने के पहले ठीक से हाथ न धोने से, किसी संक्रमित व्यक्ति को किस करने से और पालतू जानवरों के साथ खेलने से भी आप संक्रमित हो सकते हैं। मैं सलाह देता हूँ कि आप Toxic OFF का एक कोर्स कर लें इससे पहले कि परजीवी ऐसा नुक्सान पहुंचा दें जिसे ठीक नहीं किया जा सकता हो।

इसे बनाने वाली कंपनी हमारे पाठकों के लिए एक स्पेशल रेट लाई है। 50% छूट पर उपलब्ध वस्तुओं की संख्या सीमित है

नोट

क्या आपको लगता है कि परजीवी आपके अलावा सबको मार सकते हैं? एक छोटा सा सर्वे पूरा करें और जानें कि क्या आप संक्रमित हैं:

  • आँतों में गड़बड़ी महसूस होती है?
  • आँखों के नीचे काले दाग, एलर्जी और त्वचा में जलन से राहत नहीं मिल रही?
  • मसल और जोड़ों के दर्द से परेशान है जिनके कारण समझ नहीं आ रहे?
  • थकान, माइग्रेन और अनिद्रा से परेशान हैं?
  • दांत पीसते हैं?
  • बिना किसी कारण के वजन कम या ज़्यादा हो जाता है?

एक भी प्रश्न का "हाँ" में उत्तर चिंता का कारण है और आपको Toxic OFF लेना शुरू कर देना चाहिए।

लेखक:

उद्धव काले

परजीवी रोग विशेषज्ञ, संक्रमण विशेषज्ञ
कार्य अनुभव: 17 साल
इन्फेक्शोलॉजी पाठ्य पुस्तक के संयुक्त लेखक

इस लेख पर टिप्पणियाँ:

वीणा

बहुत बेकार है!!! आपको पता भी नहीं चलेगा और परजीवी आपके शरीर में न जाने कितने दिनों से रह रहे होंगे! मुझे तो इतना डर लगता है कि मैं दिन में 30 बार अपने हाथ धोती हूँ। मैं तो ये प्रोडक्ट पक्के में ऑर्डर करूंगी। थैंक्स!

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काजल

चलो, कुछ अंदर की बात करते हैं... बता ही देती हूँ कि मेरे परिवार में ही कुछ ऐसी समस्या थी। पर मुझे Toxic OFF के बारे में बहुत पहले पता चल गया था क्योंकि मेरी बहन ने ये उपयोग की थी। इसलिए मैंने इसे तुरंत लेना शुरू कर दिया और बड़ी जल्दी ठीक हो गई। मैं तो लेखक से पूरी तरह सहमत हूँ, रोकथाम के लिए इसे जरूर लेना चाहिए।

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राशि

बस अपने हाथ जरूर धो लेना!

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आरती

ऐसा लगता है तुम्हें कभी हेल्मिन्थ इन्फेक्शन नहीं झेलना पड़ा है, इसलिए ऐसा कह रही हो। आपको पता होना चाहिए कि संक्रमण हो जाने पर भी इंसान को पता नहीं चलता है। कुछ लोग तो कई सालों तक अंजान रहते हैं।

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अनामिका

पता है, मैं अपनी हैल्थ को लेकर बड़ी परेशान रहती हूँ! मुझे तो लक्षण नज़र आने भी लगे हैं। इस प्रोडक्ट को रोकथाम के लिए अभी ऑर्डर कर रही हूँ।

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माधुरी

Toxic OFF ने मेरे परिवार को भी बचा लिया। मेरा बेटा एक कुत्ते का पिल्ला लाने के लिए जिद कर रहा था और मैं और मेरे पति आखिर मान गए। हमने कभी सोचा भी नहीं था कि इससे इतनी दिक्कत हो जाएगी। मेरे पति को सबसे पहले दिक्कतें शुरू हुईं। इसके बाद मेरे बच्चे का नंबर था। मुझे समझ आ गया था कि ये सर्दी तो नहीं हो सकती। हमने कुछ टेस्ट करवाए और पता चला कि परजीवी का इन्फेक्शन हो गया है। हम 2 हफ्ते बहुत परेशान रहे और इनसे निजात पाने की बहुत कोशिश की और हर देसी तरीका आजमा कर देख लिया। क्या बेकार है ये सब! लेकिन एक बार ये एंथेल्मिटिक प्रोडक्ट लेना शुरू किया तो हम अच्छा महसूस करने लगे। एक दिन में उल्टी और पेट फूलना बंद हो गए और एक हफ्ते बाद हमने फिर से टेस्ट करवाए तो सब ठीक हो गया था।

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मिक्स ब्यूटी

ऐसी चीजें लोग क्यों पोस्ट करते हैं?

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रीता

जो चीज नैचुरल होती है खराब नहीं होती?

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आशीष

मेरे घर में बचपन से ही बिल्लियाँ पाली जाती थीं पर फिर भी कोई हेल्मिन्थ नहीं हुए।

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मीना

सही है, आप अपने ऑफिस या पोस्ट ऑफिस जैसी जगहों पर भी संक्रमित हो सकते हैं, पब्लिक ट्रांसपोर्ट या बाहर खाने से भी संक्रमण फैल सकता है। मेरे पति को थोड़ा कच्चा माँस ही अच्छा लगता है और इसलिए हम अक्सर परजीवी-नाशी प्रोडक्ट लेते रहते हैं। जो खुद अपना ख़्याल रखते हैं भगवान भी उनका ख़्याल रखता है। ऑर्डर कर रही हूँ Toxic OFF हम दोनों के लिए।

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नीलम

मैं हर उस शख्स को ये लेने की सलाह दूँगी जिसे पापिलोमा है। मेरे हाथ तो कोहनी तक इनसे भरे थे। मुझे कैंसर हो जाने का बड़ा डर लगता था। किसी इलाज से कोई फायदा नहीं हो रहा था। एंटीबायोटिक भी काम नहीं करते। पापिलोमा छोटे हो गए पर फिर से वापस आ गए और पैरों पर भी हो गए। मैंने कई तरह के इलाज करवाए... मैं तो अपने जानी दुश्मन को भी इसकी बददुआ नहीं दूँगी। मैंने 8 महीने घर पर पड़े-पड़े बिताए, मेरी नौकरी छूट गई और अपने करीबियों और दोस्तों से भी नहीं मिल पाती थी क्योंकि मैं उन्हें डराना या संक्रमित करना नहीं चाहती थी... बहुत परेशानी झेली है। भगवान का शुक्र है अब ये सब बीत चुका है। मेरी किस्मत अच्छी है कि मुझे Toxic OFF के बारे में पता चला। मैंने इसे 3 दिन तक लिया और फिर रिज़ल्ट देखे - हर दिन पापिलोमा कम होते जा रहे थे। मैंने इनसे निजात पा ली पर रोकथाम के लिए इसे लेती रहती हूँ। मैं फिर से ये सब नहीं झेलना चाहती।

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अनामिका

बड़ी परेशानी झेली होगी यार, कैसे सहा होगा!

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नीलेश

ऐसी खराब चीजें क्यों पोस्ट करती हो? मुझे तो नींद नहीं आ रही

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गजेन्द्र

Toxic OFF बढ़िया चीज है और यह मैं एक डॉक्टर होने के नाते कह सकता हूँ। बस एक खराब बात है कि इसे केवल एक वेबसाइट से ही खरीदा जा सकता है! मैं इसे अपने मरीजों को लेने के लिए कहता हूँ और उन्हें केवल ऑफिशियल सप्लायर से ही खरीदने का ध्यान रखने को कहता हूँ पर फिर भी लोग कहीं से भी खरीद लेते हैं और जब कोई फायदा नहीं होता तो शिकायत करते हैं।

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रिचा

डेलीवर हो गए, इस्तेमाल शुरू करती हूँ

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अनुपम

विज्ञान कई प्रकार के परजीवियों के बारे में जानता है पर लोग फिर भी इनसे परेशान रहते हैं। मैंने सुना है कि ऐसे 19 प्रकार के परजीवी हैं जो आपको मार भी सकते हैं। हम इन्हें कई तरह के प्रोडक्ट्स और एंटीबायोटिक्स से मार सकते हैं।

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स्नेहा

हमने एक बिल्ली पाली थी और हम उसे अपने सोफ़े या बिस्तर पर नहीं सोने देते थे। पर हमने उसकी परजीवी के लिए टेस्टिंग नहीं कारवाई और हमें भी संक्रमण हो गया। हम बहुत परेशान रहे थे, पूरे दिन त्वचा में जलन होती थी और तबीयत खराब रहती थी। एंटीबायोटिक्स से कोई फायदा नहीं होता। ये प्रोडक्ट ऑर्डर कर रही हूँ।

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डॉ. तिवारी

एंटीबायोटिक परजीवी या हेल्मिन्थ से निजात नहीं दिलाते, ये किसी खास जीवाणु के लिए नहीं बने होते। परजीवियों के लिए तो आपको खास तौर पर इन पर असर करने वाले प्रोडक्ट चाहिए होते हैं, ऐसे प्रोडक्ट जो इनकी गतिविधि कम कर दें। जैसे, आप Toxic OFF का उपयोग कर सकते हैं। परजीवी-नाशी प्रोडक्ट इन परजीवियों को तोड़कर प्राकृतिक रूप से शरीर से बाहर कर देते हैं।

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गौरी प्रधान

धन्यवाद, एंटीबायोटिक्स का तो पता है। मेरे डॉक्टर कहते हैं कि एंटीबायोटिक्स परजीवियों पर कोई असर नहीं करते, इनसे पेट के अच्छे बैक्टीरिया मरते हैं और परजीवी उलटे बढ़ भी सकते हैं।

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आयुष

जब आपके पास कोई प्राकृतिक प्रोडक्ट हो तो एंटीबायोटिक और रसायनों से अपने शरीर में जहर भला क्यों भरना। ये तो पागलपन है...

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नेहा

पाठकों आपको बताना चाहूंगी कि मुझे इंटरनेट पर ऐसी चीज पढ़ने मिली जिससे मेरी सोच कन्फ़र्म हो गई। मेरे पति को उल्टी-दस्त और सरदर्द की शिकायत हो रही थी। मुझे लगा बॉडी में कुछ टॉक्सिन हैं, पर कोई दवाई काम नहीं आ रही थी। कुछ फायदा ही नहीं हो रहा था। मैंने देखा कि मेरे पति की सेक्स पावर भी कम होने लगी थी। फिर मुझे ये लेख पढ़ने मिला। मैंने ये परजीवी-नाशक प्रोडक्ट Toxic OFF देखा और तुरंत ऑर्डर कर दिया। चौथे दिन ही पति बोले कि वो ठीक हो गए हैं। बहुत बढ़िया चीज है।

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प्रकाश

इतनी बढ़िया जानकारी के लिए थैंक्स! मुझे रिस्क नहीं लेना, मैं तो एक कोर्स करूंगा। क्या बिगड़ने वाला है।

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